मौत को जिंदगी का आखिरी पड़ाव माना जाता है. इसके बाद व्यक्ति की कहानी जरूर खत्म हो जाती है, लेकिन उसकी यात्रा जारी रहती है. भारत मूल के यूएस एनेस्थिसियोलॉजिस्ट डॉक्टर राजीव पारती का दावा है कि उन्हें नर्क और भगवान को देखा है.
डॉक्टर राजीव ने डाइंग टू वेक अप: ए डॉक्टर्स वॉयेज इनटू द आफ्टरलाइफ एंड द विजडम ही ब्रॉट बैक’ नामक पुस्तक लिखी. जिसमें डॉ. ने अपने मरने के बाद की हकीकत को लेकर अपना अनुभव शेयर किया है. लेकिन जब उन्होंने इसकी बात अपने दोस्तों और कलीग से कही तो किसी ने विश्वास नहीं किया. उन्होंने कहा कि मैं इसे सबसे अच्छे तरीके से यह समझा सकता था कि मुझे अपने उद्देश्य, अपने आत्मा के उद्देश्य का पालन करना होगा. वे चौंक गए, लेकिन मुझे परवाह नहीं थी. मैंने उस शक्ति, उस स्रोत को महसूस किया था, निर्देश मेरे मन में बहुत स्पष्ट थे. इसके बाद, उन्होंने अपने पेशेवर पद से इस्तीफा दे दिया, अपनी लक्जरी गाड़ियां और घर बेच दिए.
नियर-डेथ एक्सपीरियंस में कितनी सच्चाई?
नियर-डेथ एक्सपीरियंस (NDE) वो अनुभव होते हैं जो मौत के करीब पहुंचने पर होते हैं, जैसे दिल का रुक जाना. इसमें लोग शरीर से अलग होने, शांति महसूस करने या रौशनी और मर चुके लोगों को देखने का अनुभव करते हैं. लेकिन वैज्ञानिक रूप से ये जीवन के बाद के सबूत नहीं हैं.
