पंजाब में स्कॉलरशिप स्कीम में बढ़ोतरी, विदेश पढ़ाई के लिए जाएंगे गरीब बच्चे, पैसा देगी सरकार

चंडीगढ़: पंजाब सरकार में मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम में बड़ा बदलाव किया गया है, जिससे ज्यादा से ज्यादा छात्रों को इसका लाभ मिल सके।
पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम का दायरा बढ़ा
मंत्री ने बताया कि यह स्कीम, जो पिछली सरकारों में विवादों का कारण रही थी, अब पारदर्शी तरीके से चलाई जा रही है। उन्होंने कहा:


* पिछले तीन वर्षों में इस योजना के लाभार्थियों की संख्या में 35% की बढ़ोतरी हुई है।
* 2022 में 1,84,042 छात्र थे, जो अब बढ़कर 2024-25 में 2,37,456 हो गए हैं।
* पिछले पांच वर्षों में पिछली सरकार के कार्यकाल में 3.71 लाख छात्रों को लाभ मिला था, जबकि वर्तमान सरकार के तीन वर्षों में 6.78 लाख छात्रों को शिक्षा का लाभ मिला है।
* 2025-26 के लिए सरकार ने बड़े कॉलेजों को भी इस स्कीम से जोड़ा है, जिसमें अभी तक 11 कॉलेज शामिल किए गए हैं।
* पिछली सरकारों में जिन लोगों ने इस योजना के पैसे का गलत इस्तेमाल किया, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।
विदेश में पढ़ाई के लिए नई योजना


डॉ. बलजीत कौर ने एक नई योजना की भी घोषणा की, जिसके तहत गरीब और जरूरतमंद छात्रों को विदेश में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। इस योजना की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
* यह योजना उन छात्रों के लिए है जिनके परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है।
* छात्रों के ग्रेजुएशन में 60% से अधिक अंक होने चाहिए।
* लड़कियों के लिए 30% सीटें आरक्षित होंगी।
* सरकार वीज़ा, ट्यूशन फीस, हवाई टिकट और मेडिकल इंश्योरेंस का खर्च उठाएगी।
* छात्रों को सालाना खर्च के लिए ₹13.17 लाख दिए जाएंगे।
* यह लाभ एक परिवार के दो बच्चों को मिल सकता है, लेकिन एक समय में एक ही बच्चे को।


सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए कोचिंग
मंत्री ने यह भी बताया कि अनुसूचित जाति (SC), पिछड़ा वर्ग (BC) और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए अंबेडकर इंस्टीट्यूट में सिविल सर्विसेज (PCS) के लिए क्रैश कोर्स शुरू किया जाएगा।
* यह दो महीने का कोर्स होगा, जिसके लिए 30 सितंबर को एंट्रेंस टेस्ट होगा।
* टेस्ट में सफल होने वाले 40 छात्रों को इसमें एडमिशन दिया जाएगा।
* प्रोफेसरों को दी जाने वाली फीस ₹700 प्रति घंटा से बढ़ाकर ₹1500 प्रति घंटा कर दी गई है।


इन कदमों से पंजाब सरकार का मकसद गरीब और मेधावी छात्रों को बेहतर शिक्षा के अवसर देना है ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें।

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