पंजाब रोडवेज/पनबस/पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब 25/11 की एक महत्वपूर्ण बैठक राज्य संस्थापक कमल कुमार की अध्यक्षता में हुई। राज्य चेयरमैन बलविंदर सिंह राठ, राज्य अध्यक्ष रेशम सिंह गिल, रमनदीप सिंह कैशियर, उपाध्यक्ष गुरप्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि लंबे समय से सरकार और विभाग के अधिकारियों द्वारा कच्चे कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। बार-बार बैठकों में मुद्दों को सुलझाने के बजाय, सरकार हर दिन नई हानिकारक नीतियां ला रही है और विभागों के निजीकरण की ओर बढ़ रही है। पंजाब रोडवेज पनबस/पीआरटीसी में लगभग 90% कर्मचारी कैजुअल काम करके विभागों को चलाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। परिवहन विभाग का एक भी कैजुअल कर्मचारी स्थायी नहीं किया गया है। मैनेजमेंट पंजाब के मुख्यमंत्री के आदेशों की अनदेखी करते हुए संगठन की मांगों को अनसुना कर रहा है, जिसके कारण पंजाब परिवहन विभाग के कैजुअल कर्मचारियों का शोषण हो रहा है और विभागों का निजीकरण करने की नीयत से किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट मालिकों की बसें लाने पर मैनेजमेंट को मजबूर किया गया है, जिससे विभागों से करोड़ों रुपए की लूट होगी, जिसके आंकड़े संगठन द्वारा उच्च अधिकारियों को पहले ही दिए जा चुके हैं।
विभागों द्वारा सरकार से मुफ्त यात्रा सुविधा का 1200 करोड़ रुपए अभी तक वसूला जाना बाकी है। इसका भुगतान समय पर नहीं किया गया है, जिसके कारण विभागों को बसें उपलब्ध नहीं करवाई गई हैं और सरकारी बसों में यात्री लगातार ओवरलोड होते रहते हैं, जिसके कारण बड़ी दुर्घटनाएं हो रही हैं। परंतु वर्तमान सरकार के कार्यकाल में न तो कोई नई सरकारी बस उपलब्ध करवाई गई है और न ही एक भी मांग का समाधान किया गया है, जो कर्मचारियों के असंतोष का कारण है। भारी विरोध प्रदर्शन किया गया है। यदि सरकार ने मांगों का तुरंत समाधान नहीं किया तो 29 सितंबर 2025 को परिवहन विभाग के कच्चे कर्मचारी पैदल मार्च कर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
