IAS-IPS Factory: झारखंड के शिक्षा जगत में नेतरहाट आवासीय विद्यालय एक ऐसा नाम है जिसे सुनते ही हर छात्र और अभिभावक की आंखें चमक उठती हैं. 1954 में स्थापित यह विद्यालय अब देश में IAS और IPS बनाने वाला प्रमुख संस्थान बन चुका है.
लातेहार जिले में स्थित इस विद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐसा रिकॉर्ड बनाया है कि इसे लोग “IAS-IPS की फैक्ट्री” तक कहने लगे हैं. 3000 से अधिक छात्र अब तक इस स्कूल से निकलकर देश की प्रतिष्ठित सेवाओं में योगदान दे चुके हैं.
बेहतरीन शिक्षा और राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियां
नेतरहाट आवासीय विद्यालय में पढ़ाई केवल बोर्ड परीक्षा तक सीमित नहीं है. यहां के छात्र झारखंड राज्य शिक्षा बोर्ड में हमेशा टॉप-10 में शामिल रहते हैं. ओलंपियाड, राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा और अन्य प्रतियोगिताओं में भी यह विद्यालय देशभर में नंबर-1 का स्थान रखता है.
स्कूल की स्थापना और इतिहास (IAS-IPS Factory)
विद्यालय की शुरुआत 15 नवंबर 1954 को हुई थी, जब चार्ल्स नेपियर इसे पहले प्राचार्य के रूप में संभाले. पहले बैच में केवल 60 छात्र शामिल थे, लेकिन अब हजारों छात्र यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. स्कूल की मजबूत शैक्षणिक नींव और प्रेरक वातावरण ने इसे देश के सबसे प्रतिष्ठित आवासीय विद्यालयों में शुमार कर दिया.
प्रवेश प्रक्रिया (IAS-IPS Factory)
नेतरहाट विद्यालय में कक्षा 6 में प्रवेश लिया जाता है. इसके लिए एडमिशन टेस्ट अनिवार्य है. आवेदन जुलाई में ऑनलाइन भरे जाते हैं और सितंबर में परीक्षा होती है. हर साल 100 छात्रों का चयन किया जाता है. आवेदन नि:शुल्क है और अभ्यर्थी www.netarhatvidyalaya.com से फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं.
गौरवशाली छात्र और उपलब्धियां
इस विद्यालय ने गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह, सीबीआई के पूर्व निदेशक डॉ त्रिनाथ मिश्र, डॉ राकेश अस्थाना, आईपीएस अजय कुमार और चीफ सेक्रेटरी शीतल चौधरी जैसे नामी व्यक्तित्व दिए हैं. शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद, धातुकला, कृषि प्रशिक्षण और कंप्यूटर शिक्षा पर भी जोर दिया जाता है. नेतरहाट का यह सफर साबित करता है कि अगर शिक्षा का आधार मजबूत हो और छात्र को सही दिशा मिले तो छोटे शहर के बच्चे भी देश के बड़े मुकाम हासिल कर सकते हैं.
