Haryana Politics चंडीगढ़: हरियाणा में भाजपा सरकार बने लगभग 1 साल होने को है। तीसरी बार लगातार सत्ता में आकर भाजपा ने इतिहास रचा है। सत्ता में रहते हुए भी भाजपा न सिर्फ़ शासन और विकास कार्यों पर ध्यान दे रही है, बल्कि संगठन को मज़बूत करने की दिशा में भी तेज़ी से कदम बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लगातार बैठकों का दौर जारी रखे हुए हैं। चाहे किसान हों या व्यापारी, सरकार हर वर्ग को राहत और नए तोहफ़े देने के लिए नीतियाँ बना रही है।
संगठन विस्तार
भाजपा उन सीटों पर विशेष रणनीति बना रही है, जिन पर 2024 के विधानसभा चुनावों में जीत नहीं मिली थी। पार्टी का संगठन विस्तार मिशन मोड में चल रहा है। बूथ स्तर से लेकर ज़िला और प्रदेश स्तर तक नई नियुक्तियाँ की जा रही हैं। पार्टी की तैयारी का संकेत यही है कि 2029 के चुनावों से पहले ही भाजपा संगठन को मजबूत और सक्रिय करना चाहती है।
विपक्ष की स्थिति
वहीं, कांग्रेस अभी भी असमंजस में है। चुनाव बीते एक साल होने वाला है, लेकिन कांग्रेस अब तक अपना नेता प्रतिपक्ष (LoP) तक तय नहीं कर पाई है। इसको लेकर कांग्रेस विधायकों ने ही सवाल उठाए हैं। संगठन विस्तार की कवायद शुरू ज़रूर हुई है, मगर नेतृत्व की कमी और आंतरिक मतभेदों के कारण वह गति पकड़ नहीं पाई।
INLD, JJP भी सक्रिय
इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और जननायक जनता पार्टी (JJP) भी संगठन विस्तार में सक्रिय दिख रही हैं। दोनों पार्टियाँ लगातार ज़िलाध्यक्षों की नियुक्तियाँ कर रही हैं और आने वाले चुनावों के लिए ज़मीनी स्तर पर काम शुरू कर चुकी हैं।
स्पष्ट है कि भाजपा सत्ता और संगठन दोनों स्तरों पर लगातार मज़बूत हो रही है, जबकि विपक्षी दलों के भीतर तालमेल और संगठनात्मक कमी साफ़ झलक रही है। ऐसे में आने वाले समय में हरियाणा की राजनीति में भाजपा का दबदबा और भी बढ़ सकता है।
