लद्दाख में हुई हिंसा के बाद केंद्र सरकार का जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की एनजीओ का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है जिसमें आरोप है कि एनजीओ ने विदेशी फंडिंग से जुड़े कानून का बार-बार उल्लंघन किया है जिसके बाद यह बड़ा फैसला या कहीं एक्शन किया गया है।
केंद्र ने यह कदम लद्दाख में कोई हिंसा के बाद उठाया है जिसमें आप है की वांगचुक के नेतृत्व में केंद्र शासित प्रदेश में राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के 24 घंटे बाद यह क्रिया सामने आता है । गृह मंत्रालय ने स्टूडेंट एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ़ लदाख का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया जो सनम वांगचूक से जुड़ी हुई है ।इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो CBI ने वांगचुक से जुड़े संस्थानों में एफसीआरए कानून के कथित उल्लंघन की जांच शुरू की थी जिसमें एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच कुछ समय से चल रही थी लेकिन इस मामले में अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। मीडिया रिपोर्ट से मिली तमाम जानकारी में यह भी बताया गया है कि स्टूडेंट एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ़ लदाख की स्थापना 1988 में सोनम वांगचुक ने की थी।
इस पूरे मामले में गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि सोनम वांगचुक ने अपने भड़काऊ बयानों के जरिए भीड़ को उकसाया हिंसा घटनाओं के बीच उन्होंने अपना उपवास तोड़ा और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यापक प्रयास किए बिना एंबुलेंस से अपने गांव चले गए।
