
आजकल सोशल मीडिया पर साड़ी वाला AI फ़ोटो ट्रेंड तेज़ी से वायरल हो रहा है. इस ट्रेंड में लोग अपनी तस्वीरें Google Gemini पर अपलोड कर रहे हैं और पुराने समय के रंग में रंगी हुई दिलकश AI-जनरेटेड फ़ोटो पा रहे हैं. बिना किसी मेहनत के बनी ये आकर्षक तस्वीरें लोगों को खूब पसंद आ रही हैं और लाइक्स और फ़ॉलोअर्स पाने की होड़ में हर कोई इस ट्रेंड का हिस्सा बन रहा है.
लेकिन इस ट्रेंड की चमक के पीछे एक बड़ा सवाल भी खड़ा हो रहा है: क्या इस होड़ में हम अपनी प्राइवेसी को दांव पर लगा रहे हैं?
ऑनलाइन प्राइवेसी का जोखिम
सोशल मीडिया पर कई पोस्ट लोगों को आगाह कर रही हैं कि इस तरह की AI फ़ोटो बनाने के लिए आप अपनी निजी जानकारी और फ़ोटो AI टूल के साथ साझा कर रहे हैं. यह जानकारी भविष्य में गलत हाथों में पड़ सकती है, जिसका इस्तेमाल किसी ठगी या पहचान की चोरी (identity theft) के लिए किया जा सकता है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब आप किसी भी AI टूल पर अपनी फ़ोटो अपलोड करते हैं, तो वह आपके चेहरे और व्यक्तिगत डेटा को स्टोर कर सकता है. इस डेटा का इस्तेमाल भविष्य में आपके बिना अनुमति के किया जा सकता है, जिससे आपकी प्राइवेसी खतरे में पड़ सकती है.
ट्रेंड में शामिल हों, लेकिन समझदारी से
यह सही है कि सोशल मीडिया ट्रेंड्स का हिस्सा बनना मज़ेदार हो सकता है, लेकिन सावधानी बरतना भी उतना ही ज़रूरी है. अगर आप इस ट्रेंड का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
समझदारी से चुनें: अपनी फ़ोटो सिर्फ़ उन्हीं AI टूल्स पर अपलोड करें जिनकी प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में आप अच्छी तरह से जानते हैं.
डेटा की सुरक्षा: अपनी निजी जानकारी को ऑनलाइन साझा करते समय हमेशा सतर्क रहें.
जागरूक रहें: AI फ़ोटो जनरेशन के जोखिमों के बारे में खुद को और दूसरों को भी जागरूक करें.
ट्रेंड्स का मज़ा लीजिए, लेकिन अपनी सुरक्षा और प्राइवेसी को हमेशा प्राथमिकता दें.